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मुंह के कैंसर को रोके कॉफी
लंदन. दिनभर में चार कप कॉफी मुंह के कैंसर से बचा सकती है। हाल में किए गए एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। अध्ययन के अनुसार, ज्यादा कॉफी पीने वालों को मुंह और आहार नली में कैंसर होने की आशंका 39 फीसदी कम होती है। फिर भी डॉक्टरों का कहना है कि लोगों को कॉफी का सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसमें मौजूद कैफीन से दिल की धड़कन और ब्लडप्रेशर दोनों बढ़ सकते हैं। शोधकर्ताओं को कॉफी में 1000 से ज्यादा रसायन मिले हैं। इनमें एंटीऑक्सीडेंट्स प्रमुख हैं, जो कैंसर को रोकने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। हाल के अध्ययनों से यह भी पता चला है कि कॉफी पीने से अमाशय, बड़ी आंत, मस्तिष्क के कैंसर को भी रोका जा सकता है।
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महिलाओं की वियाग्रा को रेड सिगनल
दवाओं का परीक्षण करने वाले एक अमेरिकन जांच दल ने महिलाओं के लिए वियाग्रा बनाने वाली एक कम्पनी को हरी झंडी देने से मना कर दिया है। अमेरिका स्थित फूड एंड ड्रग विभाग के विशेषज्ञों ने कहा है कि बोहरिंगर इनजेलहीम नामक यह दवा महिलाओं की सेहत बिगाड़ सकती है।

साथ ही विशेषज्ञों की अगर मानें तो महिलाओं कामुकता बढ़ाने का दावा करने वाली इस दवा के साइड इफ़ेक्ट्स भी हो सकते हैं। लम्बे समय तक इस वियाग्रा की जांच के दौरान दल ने पाया कि इसका सेवन करना महिलाओं को महंगा पड़ सकता है, वैज्ञानिकों ने कहा कि बोहरिंगर इनजेलहिम सिर चकराने, दौरे पड़ने या अवसाद का सबब बन सकता है।

गौरतलब है कि दिमाग़ में पाये जाने सिरोटॉनिन नामक रसायन पर असर डालने वाली इस दवा का परीक्षण अवसाद के इलाज को ध्यान में रखकर शुरू कि या गया था। लेकिन इसके सेवन से महिलाओं की कामुक प्रवृति में इजाफा होने की शिकायत मिलते ही इसकी जांच की दिशा बदल दी गयी।

जांचकर्ताओं के दल ने इस दवा का महिलाओं के शरीर और दिमाग़ पर होनेवाले असर का दशकों तक परीक्षण करने के बाद इसके सेवन पर अंकुश लगाने का फ़रमान सुनाया है। हालांकि इस दवा की क़िस्मत का अंतिम फ़ैसला फ़ेडरल ड्रग एसोसिएशन द्वारा किया जाएगा, लेकिन इस दौरान जांच दल की सिफ़ारिशों को भी ध्यान में रखा जाएगा।

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नेती क्रिया फॉर द ब्रेन

योग में बहुत सारी क्रियाओं का उल्लेख मिलता है। आसन, प्राणायाम के बाद क्रियाओं को भी करना सीखना चाहिए। क्रियाएँ करना बहुत कठिन माना जाता है, लेकिन क्रियाओं से तुरंत ही लाभ मिलता है। योग में प्रमुखत: छह क्रियाएँ होती है:-1.त्राटक 2.नेती. 3.कपालभाती 4. धौती 5.बस्ती 6.नौली। यहाँ प्रस्तुत है नेती के बारे में जानकारी।

नेती क्रिया को मुख्यत: श्वसन संस्थान के अवयवों की सफाई के लिए प्रयुक्त किया जाता है। इसे करने से प्राणायाम करने में भी आसानी होती है तथा इसे तीन तरह से किया जाता है:- 1.सूत नेती 2.जल नेती और 3.कपाल नेती।

1.सूत नेती : एक मोटा लेकिन कोमल धागा जिसकी लंबाई बारह इंच हो और जो नासिका छिद्र में आसानी से जा सके लीजिए। इसे गुनगुने पानी में भिगो लें और इसका एक छोर नासिका छिद्र में डालकर मुँह से बाहर निकालें। यह प्रक्रिया बहुत ही धैर्य से करें। फिर मुँह और नाक के डोरे को पकड़कर धीरे-धीरे दो या चार बार ऊपर-नीचे खींचना चाहिए। इसी प्रकार दूसरे नाक के छेद से भी करना चाहिए। एक दिन छोड़कर यह नेती क्रिया करनी चाहिए।

2.जल नेती : दोनों नासिका से बहुत ही धीरे-धीरे पानी पीएँ। गिलास की अपेक्षा यदि नलीदार बर्तन होतो नाक से पानी पीने में आसानी होगी। यदि नहीं होतो पहले एक ग्लास पानी भर लें फिर झुककर नाक को पानी में डुबाएँ और धीरे-धीरे पानी अंदर जाने दें। नाक से पानी को खींचना नहीं है। ऐसा करने से आपको कुछ परेशानी का अनुभव होगी। गले की सफाई हो जाने के बाद आप नाक से पानी पी सकते हैं।

3.कपाल नेती : मुँह से पानी पी कर धीरे-धीरे नाक से निकालें।

सावधानी : सूत को नाक में डालने से पहले गरम पानी में उबाल लिया जाता है जिससे किसी प्रकार के जीवाणु नहीं रहते। नाक, गले, कान, दाँत, मुँह या दिमाग में किसी भी प्रकार की समस्या होतो नेती क्रिया योगाचार्य के मार्गदर्शन में करना चाहिए। इसे करने के बाद कपालभाती कर लेना चाहिए।

लाभ : इस क्रिया को करने से दिमाग का भारीपन हट जाता है, जिससे दिमाग शांत, हल्का और सेहतमंद बना रहता है। इस क्रिया के अभ्यास से नासिका मार्ग की सफाई होती ही है साथ ही कान, नाक, दाँत, गले आदि के कोई रोग नहीं हो पाते और आँख की दृष्टि भी तेज होती है। इसे करते रहने से सर्दी, जुकाम और खाँसी की शिकायत नहीं रहती।

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‘कुगर्स’ के लिए गूगल ने किया ‘चीनी कम’


 न्यूयॉर्क. अगर आप एक ऐसी महिला हैं जो डेटिंग के लिए अपने से जवां मर्द की तलाश में हैं तो गूगल पर आपको ऐसे संबंधों के बारे में कई जानकारी भरे लेख मिल जाएंगे। हालांकि इन लेखों के साथ दिखने वाले विज्ञापन आपको थोड़े अजीब लग सकते हैं। इनमें लैटिन अमेरिकी लड़कियों या लातिवियाई सुंदरियों से जुड़े विज्ञापन मिलेंगे लेकिन इनमें अधिक उम्र की महिला और कम उम्र के लड़कों की डेटिंग साइट्स का कोई विज्ञापन नहीं मिलेगा।

ऐसा नहीं है कि ऐसे संबंध जिन्हें आजकल ‘कुगर’ का नाम दिया जा रहा है से जुड़ी साइट्स नहीं हैं। लेकिन गूगल पर आपको ऐसी साइट्स नहीं दिखेंगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि गूगल ने हाल में इन ‘कुगर’ साइट्स को परिवारों के लिए खतरा करार दिया है। ऐसे में कुगर शब्द वाले विज्ञापन और साइट आपको गूगल पर नजर नहीं आएंगे। गूगल के इस फैसले का खुलासा कुगरलाइफ डॉट कॉम ने किया है।


हालांकि गूगल पर अधिक उम्र के मर्दो के लिए जवां लड़कियां ढूंढने वाले वेबसाइटों पर कोई रोक नहीं है। ऐसी एक साइट मीट-ए-मिलिनेयर डॉट कॉम पर ग्राहकों को ‘सुगर बेबीज’ से मिलाने का दावा किया जा रहा है। यानी गूगल पर ‘कुगर्स और कब(उम्रदराज महिला और युवा पुरुष)’ तो मान्य नहीं है लेकिन ‘सुगरबेबीज और सुगरडैडीज(युवा लड़कियां और उम्रदराज पुरुष) पर कोई बैन नहीं है।


कुछ महिलाओं के लिए ‘कुगर’ की पूरी अवधारणा महिला सशक्तीकरण का एक रूप है, जिसमें महिलाएं डेटिंग और संबंधों की पुरानी और मान्य सीमाओं को तोड़ बाहर आ रही हैं। हालांकि महिला इतिहास और सेक्सुएलिटी के विशेषज्ञों के मुताबिक गूगल का यह फैसला उम्रदराज महिलाओं की सेक्सुएल सक्रियता को स्वीकारने में संकोच का एक और उदाहरण है, जबकि इसके उलट पुरुषों को हर उम्र में सक्रिय माना जाता है।